गजब फैक्ट्स: हर भारतीय को मालूम होनी चाहिए भारत-पाकिस्तान बंटवारे से जुड़ी ये खास बातें


ये बात तो खैर सभी जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए विभाजन में कई लोगों की जान चली गयी और अनगिनत लोगों ने अपने परिवार को हमेशा के लिए खो दिया।
3 जून प्लान के तहत भारत-पाकिस्तान विभाजन से उत्पन्न दुःख को किताबों फिल्मों नाटकों ने ना सिर्फ महसूस किया अपितु लोगों के सामने हर बार उस दर्द को ताजा किया है। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बँटवारे दर्द से सभी अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन दोनों देश के निर्माण से जुड़े कुछ तथ्य है जिसके जानकारी भारतीय लोगो के साथ-साथ पाकिस्तानियों को भी होनी चाहिए।
  • भारत-पाकिस्तान का विभाजन दुनिया में सबसे अनोखा विभाजन रहा है क्योकि दोनों देशों ने स्वतंत्रता का जश्न पहले मनाया और विभाजन की घोषणा बाद में हुई।
  • भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय दोनों देशों के बीच सीमा सिरिल रैडक्लिफ नामक ऐसे शख्स ने तय की थी जो कुछ दिन पहले ही भारत आया था और उसे दोनों देश की भौगोलिक कोई जानकारी नही थी।
  • भारत-पाकिस्तान का बँटवारा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार के कारण हुआ था पर दोनों देशो को जब विभाजित कर सीमा तय की गयी तब अज्ञान में ही सिरिल रैडक्लिफ धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों से जुड़े किसी भी विचार का ख्याल नही किया था।
  • एक भारतीय अनुमान के अनुसार विभाजन के दौरान 1.45 करोड़ लोगो को विस्थापित किया गया था और मानव इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक पलायन है।
  • क्यों पाकिस्तान को 14 अगस्त और भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली,ऐसा सवाल कई बार उठता है और आपके पास इसका जवाब नही है तो हम बताते है दरअसल उस समय हुआ ये था कि माउंटबेटन व्यक्तिगत रूप से भारत और पाकिस्तान स्वतंत्रता समारोह में भाग लेना चाहते थे लेकिन एक ही दिन स्वतंत्रता प्राप्ति होने पर यह संभव नही हो पा रहा था इसलिए 14 अगस्त को पाकिस्तान की स्वतंत्रता के लिए और 15 अगस्त को भारतीय स्वतंत्रता के लिए चुना गया।
  • महात्मा गाँधी बँटवारे के समय दिल्ली में नहीं मौजूद थे। वह हुसेन शहीद सुहरावर्दी के साथ सांप्रदायिक हत्या को रोकने के लिए कलकत्ता में थे और 15 अगस्त 1947 को उन्होंने दंगाइयों का सामना किया।
  • महात्मा गाँधी ने आजादी के दिन उपवास कर कताई करते हुए दिन बिताने की कसम खाई थी।
  • भारत और पाकिस्तान को बेशक 15 अगस्त और 14 अगस्त को आजादी मिल गयी थी पर दोनों देशो के बीच सीमा की तय की घोषणा 17 अगस्त तक नही हुई थी।
  • 1947 के शुरू में कहा गया था कि दोनों के बीच विभाजन 3 जून 1948 तक किया जायेगा और ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने कहा था कि ब्रिटेन जून 1948 तक भारत छोड़ कर नही जायेगा।
  • ज्योतिषीयों से ज्योतिषी घटना का ध्यान करते हुए भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक उपयुक्त तारीख लेने का परामर्श किया गया था पर दुर्भाग्य से वह एक शुभ तिथि नही निकाल सके थे जिसके बाद आजादी के लिए 15 अगस्त की आधी रात का निर्णय लिया गया।
  • जम्मू एवं कश्मीर की रियासत अगस्त 1947 तक किसी भी पक्ष में जाना तय नही कर पाई थी। पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में मुसलमानों की एक बड़ी संख्या होने के कारण अपने पक्ष में करना चाहता था पर हिंदू महाराजा अक्टूबर 1947 के अंत में भारत के साथ शामिल होने के लिए सहमत हो गये।
  • विभाजन के बाद पाकिस्तान को 1/3 भारतीय सेना, 6 महानगरों में से दो महानगर और 40% भारतीय रेल लाइनों को दिया गया।
  • भारत और पाकिस्तान को सीमाओं में बांटने वाले सिरील रेडक्लिफ़ बंटवारे के बाद कभी भारत नही आएं।

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